PPN(DESK) - बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने चार घोटाले के एक और मामले में मंगलवार कोदोषी करार दिया है। रांची की विशेष अदालत ने 1990 से 1995 के बीच डोरंडा ट्रेजरी से 139 करोड़ रुपये की रकम निकालने के मामले में दोषी पाया है।
यह मामला 1996 में सरकारी अधिकारियों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के बाद सामने आया, जिसमें अधिकारियों ने डोरंडा ट्रेजरी से 139 करोड़ रुपये की सरकारी रकम को फर्जी तरीके से खर्चे में दर्शाए था। इस घोटाले के उजागर होने के बाद लालू को बिहार के मुख्यमंत्री के पद से स्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में 170 लोगो को आरोपी बनाया गया था, जिसमें 55 लोगो की मौत हो चुकी है। 7 ऐसे लोग थे जो सरकारी गवाह बन चुके है और दो ने तो फैसला आने के पहले ही अपना जुर्म कबूल लिया था।
4 मामलों में पहले से है दोषी
लालू यादव को चारा घोटाले से जुड़े 5 मामलों में से 4 में पहले ही सजा मिल चुकी है। घोटाले के 4 मामलों में 27 साल की सजा और लगभग 1 करोड़ का जुर्माना हो चुका है उन्हें आधे दर्जन बार जेल भी जाना पड़ा है। वर्तमान में लालू झारखंड के हाई कोर्ट से जमानत पर बाहर है।
डोरंडा मामले में लालू के अलावा ये भी थे शामिल
इस मामले के प्रमुख अभियुक्तों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आर.के. राणा, बिहार के तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक के.एम. प्रसाद शामिल हैं।
इस मामले के प्रमुख अभियुक्तों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आर.के. राणा, बिहार के तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक के.एम. प्रसाद शामिल हैं।
575 लोगों ने दी गवाही
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चले इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से कुल 575 लोगों की गवाही कराई गई, जबकि बचाव पक्ष की तरफ से 25 गवाह पेश किये गये थे।
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