PPN(संजीव वर्मा) - नदियों का सीना चीर कर उमरिया जिले में रेत का ठेका ली हुई कंपनी धड़ल्ले से उत्खनन कर रही है, सब जानकर भी जिला प्रशासन व खनिज विभाग कम्पनी के आगे नतमस्तक है। प्रशासनिक अक्षमता के कारण कम्पनी चांदी काट रही है, तो प्रदेश सरकार को राजस्व की हानि और स्थानीय लोगो को जलसंकट झेलना पड़ रहा है।
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में रेत के खनन का ठेका आर एस आई स्टोन वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को मिला है। रेत ठेका कम्पनी सारे नियमों को ताक पर रखते हुए नदियों में पोकलिन, बोट, और न किन-किन मशीनों से रात-दिन रेत निकलने में व्यस्त है। इस कम्पनी को रेत की इतनी भूख है कि वह यहां तक भूल गई है, की ठेका लेते समय उसने बहुत से नियमों पर प्रदेश सरकार के साथ अनुबंध किया है। वहीं नियमों का पालन कराने वाले मध्यप्रदेश माइनिंग कारपोरेशन, खनिज विभाग समेत पूरे जिला प्रशासन ठेका कम्पनी के आगे घुटना टेक है।
कई किलोमीटर तक बना रखा है रैम्प
जानकर बताते है कि रेत ठेके के अनुबंध में स्पष्ट से लिखा है कि उत्खननकर्ता द्वारा नदियों को किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचाए बिना उत्खनन का कार्य किया जाएगा, लेकिन उमरिया जिले की सभी रेत खदान में 4-5 किलोमीटर तक का रैम्प बना कर रेत निकाला जा रहा है। ठेका कम्पनी न केवल अनुबंध का उल्लंघन कर रही है, बल्कि एन जी टी की भी धज्जियां उड़ा रही है,
जानकारी के मुताबिक मानपुर की अखडार खदान, मोहबला मानपुर खदान, सलैया, पड़वार, कुण्डी आदि खदानों में रैंप बनाकर दिन रात रेत खनन चल रहा है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव कलेक्टर का कहना है कि नदी के किनारे से मुख्य सड़क तक रास्ता बनाया जा सकता है, रैंप बनाने की शिकायत आएगी तो जाँच कराएंगे।
वन विभाग ने निरस्त की NOC
रेत ठेका कम्पनी को वन विभाग ने उत्खनन के लिए जो NOC प्रदान की थी उसे वन विभाग ने निरस्त कर दिया है। वन विभाग ने जिला प्रशासन को इसकी सूचना भी है, कि रेत खनन के कारण, वन्य प्राणियों, पर्यावरण पेयजल आदि को क्षति पहुंच रही है, जिसकी वजह से NOC निरस्त की जाती है। बावजूद इसके जिला प्रशासन ने ने अब तक कोई एक्शन नही लिया। इस मामले में उमरिया कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि वन विभाग की NOC के बाद ही रेत खदान नीलाम हुई, अचानक NOC रद्द करने से नीलम खदान को निरस्त नही किया जा सकता है। ऐसा करने पर शासन को ठेकेदार को क्षतिपूर्ति देनी होगी।
बफर जोन में रेत खदान
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के बफर जोन में सभी प्रकार की गतिविधियां प्रतिबंधित है, बावजूद इसके आर एस आईं स्टोन वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को मानपुर के बफर जोन में खदान संचालित करने की अनुमति की बात सामने आई है। हालांकि इस संदर्भ में उमरिया कलेक्टर का कहना है कि वहां कोई खदान की अनुमति नही दी गई है।
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