PPN(KATNI) - मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार व वायरल वीडियो के आधार पर मामले में तत्काल संज्ञान में ले लिया है। आयोग ने मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर, पुलिस अधीक्षक (रेल) जबलपुर से मामले की जांच कराकर, की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार व वायरल वीडियो के आधार पर मामले में तत्काल संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग की मुख्य पीठ भोपाल में प्रकरण की सुनवाई करते हुए, अध्यक्ष मनोहर ममतानी की एकलपीठ ने प्रथम द्रष्टया मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर, पुलिस अधीक्षक (रेल) जबलपुर से मामले की जांच कराकर, की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है।
आपको बता दे कि बुधवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया X पर कटनी GRP TI अरूणा वाहने के द्वारा एक महिला के साथ मारपीट का वीडियो शेयर कर मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा था । जिसके बाद मामले को लेकर बवाल मच गया। मामला तूल पकड़ता देख सीएम मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा को भी सफाई देना पड़ी । मामले में जीआरपी थाना इंचार्ज सहित छह पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया गया है और मामले की जांच डीआईजी रेल मोनिका शुक्ला को सौप दी गई।
गुरुवार की शाम जीतू पटवारी सहित कई बड़े कांग्रेस नेता कटनी पहुंचे और पीड़ित महिला कुसुम वंशकार के घर जाकर उनसे मुलाकात की । पीड़िता और उसके पोते से बात करने के बाद जीतू पटवारी, लखन घनघोरिया ,संजय शर्मा ,मुकेश नायक सहित स्थानीय नेताओं के साथ पीड़ित को लेकर रंगनाथ नगर थाना पहुंचे और निर्दयता पूर्वक मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की । थाना में दलित महिला की FIR न करने पर कांग्रेस बिफार गई थी । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में सैकड़ो का काग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए हैं । महिला की एफआईआर न करने पर एसपी से टेलिफोनिक चर्चा के दौरान जीतू पटवारी ने एसपी अभिजीत रंजन को जमकर खरी खोटी सुनाई। मामला यहां तक नहीं रुक बल्कि उनको बायसड भी कह डाला । हालांकि इसके बावजूद अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही थी । रंगनाथ थाने के अंदर पीड़ित महिला और उसके पोते सहित जीतू पटवारी, कांग्रेस नेता मुकेश नायक , पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया ,संजय शर्मा एफआईआर करने पर अड़े हुए थे तो वही थाना के बाहर सैकड़ो कांग्रेसी धरने पर बैठे रहे , इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ता पुलिस प्रशासन और बीजेपी के खिलाफ की जमकर नारेबाजी करते रहे हैं।
एफआईआर दर्ज करवाने जीतू पटवारी, पीड़ित महिला और उसका पोता दीपराज थाने पर 4 घंटे मौजूद रहे और आरोपी जीआरपी टीआई के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग करते रहे। थाने में भारी तादाद में पुलिस बल भी तैनात है । जिसके चलते माहौल गरम बना रहा । जीतू पटवारी का कहना है कि जब तक एफआईआर नहीं होती वह थाने से नहीं उठेंगे । रात करीब 10 बजे के बाद ए एस पी संतोष डहरिया रंगनाथ नगर थाना पहुंचे और कांग्रेस नेताओ से चर्चा की । समझाइश के बाद भी जीतू पटवारी बिना एफआईआर के किसी भी हाल में उठने को तैयार नहीं हुए । अंतः कुसुम वंशकार की शिकायत को रोजनाम्चा में दर्ज किया गया और कथन दर्ज किए गए। दर्ज मामले को अग्रिम करवाई के लिए जीआरपी थाना भेजा जवेगा।
जीतू पटवारी ने कहा कि न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ता है पूरी घटना दलित दमन की है कितनी याचना कितना प्रशासनिक हर धर्मिता और कितनी तानाशाही मोहन सरकार की दलितों के खिलाफ है उसका आज प्रत्यक्ष प्रमाण मिला अल्टीमेटली झुकना पड़ा या न्याय देना पड़ा मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ता जो यहां उपस्थित है सबको धन्यवाद देना चाहता हूं ।
कटनी जिले के एडिशनल एसपी संतोष डेहरिया ने बताया कि पीड़िता ने यहां आकर शिकायत दी है शिकायत को हमने प्रॉपर लिया है और संपूर्ण तथ्य शिकायत का जो रजिस्टर में एंट्री किया है और प्रॉपर एक रिसीविंग दी है साथ ही साथ शिकायत को रोज नामाचे में एंट्री भी की है पुलिस को ऑनलाइन अपडेट भी किया है हमने पूरे प्रोसेस को ऑनलाइन किया है इसके बाद हम इसको जीआरपी थाना में भेज रहे हैं ।
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