Swacha Bharat - गांधी जयंती पर गंदगी से बजबजाता रहा कटनी, ट्रिपल इंजन की सरकार, फिर भी हाल-बेहाल

PPN(KATNI) - गांधी जयंती पर समूचा कटनी शहर गंदगी से बजबजाता रहा, लोग बेहाल ओर परेशान है, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि व अधिकारी सफाई के नाम पर फोटो सेशन कर अपने मिया मिट्ठू बनते नजर आए। ऐसा क्यों, आप भी सोच रहे होंगे। 


दरअसल, नगर निगम कटनी के सफाई कर्मचारी पिछले एक सप्ताह से अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे है।  इस बार वह भी मांगे न माने-जाने तक झुकने को तैयार नही है। पिछले एक सप्ताह से अपनी जायज मांगो को लेकर धरने पर बैठने के कारण पूरे शहर में गंदगी बजबजा रही है, सड़को पर जहां-तहां कहर फैला है, नालियां चोक है, बदबू और सड़ांध से लोगो का जीना दुश्वार है, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं।

जनप्रतिनिधि-अधिकारी फोटो सेशन में बिजी
शहर बजबजा रहा और अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि फोटो खिंचाने में व्यस्त है। जिन लोगों ने अपने घर में एक गिलास पानी भर कर न पिया होगा, वे लोग भी देश के प्रधानमंत्री के आदेश पर 1 और 2 अक्टूबर को पूरी तरह तैयार होक हाथों में झाड़ू पकड़ फोटो खिंवाते देखे गए। इनमे सबसे आगे रहे जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी-कर्मचारी गण। 

CM की रेवड़ी से जागी आस

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा दिनरात रेवड़ी बांटे जाने से प्रदेश भर के सफाई कर्मचारियों में भी आस जगी की, इस बार उनकी मांगे भी पूरी हो जाएंगी। मौके की नज़ाकत को देखते हुए उन्होंने भी मौके पर चौका मारते हुए गांधी जयंती के ठीक एक सप्ताह पहले से धरना शुरूकर दिया, की गांधी जयंती तक उनकी मांग पूरी हो जाएगी, लेकिन ऐसा हो न सका। उनका धरना अब भी जारी है, और ये लोग अपनी मांगों पर अडिग है।

तुम करो तो प्यार, दूसरे करे तो अत्याचार

सबसे ज्यादा शर्मनाक स्तिथि तो यह कि इस फोटो सेशन में स्कूली बच्चों को भी परेशान किया गया। स्वच्छता का संदेश देने की आड़ में उनसे सड़को पर झाड़ू लगवाई गई, जबकि धोखे से भी किसी स्कूल में सोशल एक्टिविटी के नाम पर बच्चो से घास उखड़वाने या क्लास रूम में झाड़ू लगाने का वीडियो वायरल हो जाये तो हाहाकार मच जाता है, और कलेक्टर साहब जिम्मेवार को सस्पेंड कर देते है। हालांकि की जबसे से केंद्र व प्रदेश में बीजेपी की सरकार आई है तब से बच्चों को अपने फायदे के लिए परेशान किया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि तुम करो तो प्यार, और दूसरे करे तो अत्याचार वाली कहावत कब तक चलेगी।


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