MINING CONCLAVE - कितना सफल होगा कटनी माइनिंग कॉन्क्लेव, रोजाना हो रहे क्राइम से इन्वेस्टर चिंतित, ट्रिपल मर्डर के एक सप्ताह बाद फिर हुई चाकूबाजी

PPN(KATNI) - आगामी 23 अगस्त को कटनी जिले में प्रस्तावित माइनिंग कॉन्क्लेव को लेकर सवाल खड़े होने लगे है। वर्तमान में जिस तरह से कटनी जिले में क्राइम का ग्राफ बढ़ा हुआ है, उससे यह सवाल लाजमी है। आए दिन चाकूबाजी, हत्या की घटनाएं कटनी में इन्वेस्टर्स के कदम पीछे खींच रही है। यह बात हम इसलिए भी कह रहे है, क्योंकि कटनी के व्यापारी सकते में है। इन्वेस्टर्स के प्रतिनिधि वर्तमान में जो संभावनाएं तलाशने के लिए शहर में मौजूद है, उनका फीडबैक अपने मालिकों के लिए कदम खींचने वाला है।

शांति का प्रतीक माने जाने वाला कटनी जिला पिछले कुछ समय से क्राइम की सारी सीमाएं लांघे हुए है। नशे का कारोबार ने जिले की युवा पीढ़ी की रीढ़ तोड़ कर रख दी है। लूटपाट, राहजनी, हत्या, फिरौती, हफ्ता वसूली, सट्टा, जुआं, गांजा, स्मैक, नशीली दवाओं का कारोबार आदि तो आम बात है, यहां का भूमि घोटाला भी राष्ट्रीय स्तर की सुर्खियों में रोजाना है। ऐसा कौन सा काम है, जो कटनी में नहीं हो रहा है। यहां जो भी हो रहा है, उसका मुख्य कारण प्रदेश की भाजपा सरकार, उनके जनप्रतिनिधि और उनकी नीतियां है। कटनी में जो हो रहा है, उसकी शिकायत रोजाना आमजन टॉप टू बॉटम करते है, लेकिन सारी शिकायत कचरे की टोकरी में जाती है। किसी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती। कटनी में पोस्टिंग करवाने वाले अधिकारी-कर्मचारी सीना ठोक कर कहते है कि उन्होंने अपनी पोस्टिंग खरीदी है। उनका कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता है।

कटनी जिले में भाजपा के चार विधायक, दो सांसद, एक प्रभारी मंत्री है। उनमें से एक सांसद तो कल तक प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे। पूरी तरह भाजपा के कब्जे वाले जिले में गत 3 जुलाई की मध्य रात्रि कोतवाली से चंद कदम की दूरी पर स्थित चौपाटी में चाकूबाजी होती है, जिसमें तीन लोगों की मौत हो जाती है। ठीक उसके एक सप्ताह बाद सोमवार की सुबह पुनः कोतवाली के समीप जिला चिकित्सालय के मर्चुरी के पास चाकूबाजी हो जाती है, उसमें घायल युवक जिंदगी और मौत के बीच जबलपुर मेडिकल कॉलेज में संघर्ष कर रहा है। अपराधियों की हिम्मत तो देखिए, कि वह चाकूबाजी करने का वीडियो भी बना रहे थे, ऐसी जानकारी सूत्र दे रहे है। कटनी वह जिला है जहां अपराधी तो अपराधी, पुलिस अधिकारी व कर्मी सब अपना काम करने की बजाय सोशल मीडिया में रील बनाकर वाहवाही लूटने में जुट हुए है। रील के शौकीन पुलिस अधिकारियो के विरुद्ध कार्यवाही न होना ही, क्रिमिनल को बढ़ावा दे रहा है। वीडियो वायरल होने पर भी पुलिस कप्तान आँखें बंद किए हुए है।

कटनी में प्रमुख रूप से तीन रेलवे स्टेशन है, इन स्टेशनों और कटनी के आसपास के रेलवे स्टेशनों पर भी उठाई गिरे घटनाओं के अंजाम से रहे हैं। यहां आने वाले व्यापारी आए दिन लुट रहे है।

माफियाओं के गढ़ बने कटनी जिले में आगामी 23 अगस्त को माइनिंग कॉन्क्लेव होनी है, जिसकी तमाम तैयारियों के बीच इन्वेस्टर्स के प्रतिनिधि शहर में मौजूद है, जिनका फीडबैक अपने मालिकों के लिए निराशाजनक है। CM मोहन यादव यदि कटनी की माइनिंग कॉन्क्लेव को सफल बनाना चाहते है तो उन्हें सबसे पहले अपने विधायकों व सांसदों के दबाव को दर किनार कर प्रशासनिक सर्जरी करनी होगी। तभी यह संभव है वरना सब गुड़ गोबर होगा।

चलते - चलते यहां आपको बता दे कि कटनी वह जिला है जिसका कोई माई बाप नहीं है। बावजूद इसके कटनी जब जिला नहीं था तबसे प्रदेश का सबसे ज्यादा टैक्स देने वाला शहर था, खनिज संपदा से प्रचुर व व्यापारिक नगरी को यदि CM मोहन यादव गोद ले ले और प्रशासनिक सर्जरी बिना किसी दबाव के करे, तो नो डाउट कटनी प्रदेश का नंबर कमाऊ पूत बनेगा

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